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Uploaded On 2025-11-14 00:17:13

पंचम दिवस पर गूंजा श्री गुप्तेश्वर धाम: भक्ति, आस्था और आध्यात्मिकता का संगम, स्वामी यतींद्रानंद गिरी जी के दिव्य प्रवचन से गुंजा परिसर

गुप्तेश्वर महादेव शक्तिपीठ धाम, ऋषि आश्रम में चल रहे 100 कुण्डीय होमात्मक श्री शिव शक्ति महायज्ञ

हापुड़। जनपद के ततारपुर स्थित श्री गुप्तेश्वर महादेव शक्तिपीठ धाम, ऋषि आश्रम में चल रहे 100 कुण्डीय होमात्मक श्री शिव शक्ति महायज्ञ एवं दिव्य श्रीराम कथा के पंचम दिवस पर भक्ति और श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिला। श्रद्धालुओं से भरे परिसर में हर ओर “जय श्रीराम” और “सीता-राम” के जयकारे गूंजते रहे।


आयोजन के सूत्रधार ऋषि आश्रम न्यास के संस्थापक-अध्यक्ष ऋषि जी महाराज बीते दो वर्षों से इस भव्य आयोजन की तैयारियों में जुटे हुए थे। उनके अथक परिश्रम का ही परिणाम है कि आज यह अध्यात्म और सेवा का संगम स्थल समूचे हापुड़ जनपद का केंद्र बना हुआ है।


कथा व्यास महामंडलेश्वर स्वामी श्री यतींद्रानंद गिरी जी महाराज (जीवन दीप आश्रम, रुड़की) के पावन सान्निध्य में आयोजित इस कथा में भक्तों ने भगवान श्रीराम के आदर्श जीवन और मर्यादाओं से प्रेरणा प्राप्त की। आज के प्रवचन में स्वामी जी ने बताया कि किस प्रकार विश्वामित्र जी यज्ञ की रक्षा के लिए अयोध्या पहुंचे और महाराज दशरथ से भगवान श्रीराम और लक्ष्मण को अपने संग लेकर गए। उन्होंने कहा कि यह प्रसंग दर्शाता है कि धर्म की रक्षा हेतु ईश्वर स्वयं अवतरित होते हैं।


कथा व्यास ने आगे कहा कि वाल्मीकि जी ने रामायण की रचना श्रीराम के अवतार से पूर्व ही कर दी थी, जो इस तथ्य को सिद्ध करता है कि भगवान का नाम और गुण सृष्टि के आदि काल से ही विद्यमान हैं। कथा में आगे जनकपुरी विवाह प्रसंग का अत्यंत भावनात्मक वर्णन हुआ, जिसमें श्रीराम और माता सीता के मिलन पर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। पूरे पंडाल में “जय श्रीराम” और “सीता-राम” के जयघोष गूंज उठे।


मुख्य अतिथि भाजपा नेता पंडित सुनील भराला जी एवं दिवाकर जी ने कथा स्थल पर पहुंचकर पूजा-अर्चना की और कहा कि ऐसे आयोजनों से समाज में धर्म, संस्कृति और एकता की भावना को नई दिशा मिलती है। श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीराम के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लिया।


महायज्ञ में वैदिक आचार्यों ने वेदमंत्रों की गूंज से वातावरण को पवित्र किया। यज्ञाचार्य उपेंद्रनाथ चतुर्वेदी (हाथरस) के निर्देशन में यह यज्ञ संपन्न हुआ। इसमें आचार्य विनीत अवस्थी, निलेश शर्मा, पीयूष मिश्रा, अनूप शर्मा, अन्ना, आर्यन, नैक्तिक दुबे, मयंक वशिष्ठ, अभिषेक द्विवेदी, कृष्णा दुबे, अश्वनी गौड़ सहित अनेक आचार्यों ने अपनी आहुति दी।


मंच पर निर्माण अखाड़ा के सचिव पूज्य स्वामी जी महाराज, लालापुर गद्दी के खिचड़ी वाले बाबा जी के परम शिष्य महाराज, आचार्य विनीत अवस्थी जी सहित संतों का अभिनंदन किया गया।

ऋषि आश्रम ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्य धर्मेंद्र त्रिपाठी (छपरौला), ओमदत्त जी (ततारपुर), सुशील जी, अक्षय चौधरी, डॉ. सिंह (दीप हॉस्पिटल), डॉ. विवेक श्याम, डॉ. शुभ्रांशु त्रिपाठी, पराग गुप्ता एवं जगदीप प्रधान का भी विशेष सम्मान हुआ।


आयोजन स्थल पर यथार्थ हॉस्पिटल द्वारा एक निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया गया, जिसमें संतों, भक्तों और ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। आयोजन समिति ने इसे “सेवा और अध्यात्म का सुंदर समन्वय” बताया।


कथा के समापन पर स्वामी श्री यतींद्रानंद गिरी जी महाराज ने कहा—

“राम कथा केवल धार्मिक आयोजन नहीं, यह आत्मा की शुद्धि और जीवन को मर्यादा में ढालने का मार्ग है। जब व्यक्ति राम के आदर्शों पर चलता है, तभी सच्चे अर्थों में धर्म की स्थापना होती है।”


प्रत्येक सायं वाराणसी से पधारे गंगा पुजारियों द्वारा भव्य गंगा आरती का आयोजन किया जा रहा है।

यह दिव्य आयोजन 7 से 16 नवंबर तक श्री गुप्तेश्वर महादेव शक्तिपीठ धाम, ततारपुर में श्रद्धा और आध्यात्मिक उल्लास के साथ निरंतर जारी रहेगा।